केंद्रीय सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए लोकपाल विधेयक के अनुसार,पारित होने की दशा में इस संस्था में जातीय आरक्षण की व्यवस्था होगी
जो पचास प्रतिशत से कम नहीं होगी।यह नितांत अनुचित प्रस्ताव है क्योंकि लोकपाल संस्था भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सृजित की जा रही है।
जिसके लिए स्वच्छ छवि वाले और ईमानदार व्यक्तियों की जरूरत है। इसमें जाति धर्म से क्या लेना देना। कांग्रेस जानबूझकर इस संस्था को कलुषित
करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस पहले ये तो बता दे कि उसकी सुप्रीमो 'सोनिया' और भावी प्रधानमंत्री कंडिडेट 'राहुल' की कौन जाति है।वे 'गांधी'
अपने को कैसे लिखते है? गांधी तो वैश्य जाति/वर्ण की एक शाखा है और राहुल फिरोज खान के पौत्र है,जो पारसी थे। सोनिया तो दरअसल
'एंटोनिया माइनो' है जो फिरोज खान के पुत्र राजीव की पत्नी है और राहुल उनके पुत्र ,फिर छद्म जाति से वे अपने को प्रचारित कर देश को धोखा क्यों दे रही है।
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