Tuesday 27 December 2011

चारित्रिक आधारों की

आज देश को आवश्यकता चारित्रिक आधारों की!
कोटि-कोटि जनता पल भर में कैसे कहो गुलाम हुई?
संविधान की छीछालेदर स्वतंत्रता नीलाम हुई!!
क्योंकि आत्मबल ह्रास हो गया है अब अपनी पीढ़ी में!
नैतिकता की कमी सभी वर्गो में है अब आम हुई!
भूल न जाना गाथा आपत्कालिक अत्याचारों की!!
आज देश को आवश्यकता चारित्रिक आधारों की!
जमकर करें वंचना जो भी वही कुशल व्यापारी हैं
पंडित और पुजारी छलते सन्यासी व्यभिचारी हैं!
मानप्रतिष्ठा जानमाल रक्षा का नहीं भरोसा है।
शहजादों की भांति मानते अपने को अधिकारी हैं!!
किसी जगह भी दीख रही है कमी न भ्रष्टाचारों की
आज देश को आवश्यकता चारित्रिक आधारों की!
संताने हम युगपुरुषों की जिनकी अमर कहानी है।
राम कृष्ण गौतम गांधी की जग में कहीं न सानी है!!
किंतु हो गया हमें आज क्या अनाचार क्यों बढ़ा हुआ ?
शिवि दधिचि की संतति का क्यों मरा आंख का पानी है!!
पत्रकार, कवि अवसरवादी,राजनीति है नारों की
आज देश को आवश्यकता चारित्रिक आधारों की!

2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 27 अगस्त 2022 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. आज भी यही सब है ।।सार्थक सृजन ।

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